Popular Ghat: सूर्य की पहली किरणें पवित्र नदियों के शांत जल को छूती हैं, पंछी कोलाहल मचाते हैं और धूप की सुगंध हवा में घुल जाती है। यह भारत के उन खूबसूरत घाटों का नजारा है, जो सदियों से न केवल आध्यात्मिक स्थल रहे हैं बल्कि देश के सांस्कृतिक धरोहर भी माने जाते हैं। ये पत्थर की सीढ़ियां, नदियों के किनारे बनी, समय के साथ बहती धाराओं पर इतिहास के निशान हैं।
इन घाटों की कहानियां प्राचीन काल से जुड़ी हैं। राजाओं और संतों ने यहां स्नान किया है, दार्शनिकों ने यहां ध्यान लगाया है और तीर्थयात्रियों ने यहां मोक्ष की प्राप्ति के लिए डुबकी लगाई है। आज भी, ये घाट जीवन के चक्र का प्रतिनिधित्व करते हैं – सुबह की आरती की शांति से लेकर शाम को होने वाली दाह संस्कार की गंभीरता तक। यदि आप भारत की आत्मा को समझना चाहते हैं, तो आपको निश्चित रूप से इसके घाटों की यात्रा करनी चाहिए। हर गंतव्य का अपना अनूठा आकर्षण है।
ये हैं भारत के प्रसिद्ध 8 घाट
हरिद्वार में हर की पौड़ी
हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी, गंगा नदी के तट पर बसा एक पवित्र घाट है। यह न केवल हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है, बल्कि अपनी भव्यता और आध्यात्मिकता के लिए भी जाना जाता है। शाम होते ही, जब आरती की रोशनी जगमगा उठती है और भक्ति के मंत्र गूंजने लगते हैं, तो हर की पौड़ी एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है। यह घाट भगवान विष्णु के चरणों के निशान होने के कारण भी प्रसिद्ध है। यहां हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा है। लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने और अपने पापों को धोने के लिए यहां आते हैं।
वाराणसी का मणिकर्णिका घाट
वाराणसी का मणिकर्णिका घाट, गंगा नदी के किनारे स्थित, हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र श्मशान घाटों में से एक है। यह घाट जीवन और मृत्यु के विरोधाभासों का प्रतीक है। यहां एक ओर तो जीवन की धारा बहती है, लोग नदी में स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं दूसरी ओर मृत्यु के संस्कार पूरे किए जाते हैं। यहां चिताओं की लपटें उठती रहती हैं, और मृत्यु की गंध हवा में घुलती रहती है। शाम ढलते ही, मणिकर्णिका घाट का नजारा अद्भुत हो जाता है। दीपों की जगमगाहट से घाट रोशन हो जाता है, और गंगा आरती की मधुर ध्वनि वातावरण को भर देती है। यह दृश्य एक अजीब शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव प्रदान करता है।
दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट, गंगा नदी के तट पर स्थित, वाराणसी के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है। यह घाट भगवान ब्रह्मा द्वारा दस अश्वमेध यज्ञ किए जाने के स्थान के रूप में जाना जाता है। आज, यह घाट न केवल धार्मिक महत्व का स्थान है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है। यहां आप नाव की सवारी कर सकते हैं और गंगा नदी के शांत जल का आनंद ले सकते हैं। घाट पर घूमते हुए आप सड़क कलाकारों को रंग-बिरंगे चित्र बनाते हुए देख सकते हैं, पारंपरिक संगीत सुन सकते हैं, और स्थानीय हस्तशिल्प खरीद सकते हैं। यदि आप शांति चाहते हैं, तो आप नदी के किनारे बैठकर शांत हवा का आनंद ले सकते हैं और घाट की जीवंत गतिविधियों को देख सकते हैं।
वाराणसी का अस्सी घाट
वाराणसी का अस्सी घाट न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और अपने शांत वातावरण और खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से कई ऐतिहासिक मंदिरों और घाटों का मनमोहक नजारा देखने को मिलता है। अस्सी घाट पर सूर्योदय के समय नाव की सवारी करना एक अद्भुत अनुभव होता है। इस घाट का अपना एक अलग महत्व है और यह कई भारतीय फिल्मों में भी दिखाया गया है। अस्सी घाट बनारस की यात्रा के दौरान एक अनिवार्य स्थान है, जहां आप शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश का भेड़ाघाट
मध्य प्रदेश का भेड़ाघाट न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जबलपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित यह घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह स्थान संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ है जो नदी के पानी में गिरकर एक अद्भुत दृश्य बनाते हैं। गर्मियों में यहां नाव की सवारी करना एक अनूठा अनुभव होता है। भेड़ाघाट का धुआंधार जलप्रपात भी पर्यटकों को खूब लुभाता है। इस खूबसूरत घाट की यात्रा आपके लिए एक यादगार अनुभव साबित हो सकती है।
संगम घाट
प्रयागराज में स्थित संगम घाट भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यह वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सरस्वती नदी एक साथ मिलती हैं। इस त्रिवेणी संगम को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष मिलता है। कुंभ मेले के दौरान यह स्थान लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन जाता है। संगम घाट की पवित्रता और धार्मिक महत्व के कारण यह भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
रामघाट
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित रामघाट हिंदू धर्म के लिए एक अत्यंत पवित्र और प्राचीन तीर्थस्थल है। माना जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहां मंदाकिनी नदी में स्नान किया था। इसी कारण इस स्थान को रामघाट के नाम से जाना जाता है। रामघाट न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी देखने लायक है। मंदाकिनी नदी के किनारे बसा यह घाट शांत और मनमोहक वातावरण प्रदान करता है। यहां स्थित विभिन्न मंदिर और प्राचीन मूर्तियां इस स्थान की धार्मिक महत्ता को और बढ़ाती हैं। रामघाट भारत के उन चुनिंदा स्थलों में से एक है जहां धर्म और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
उज्जैन का शिप्रा घाट
मध्य प्रदेश की देवभूमि उज्जैन भारत के प्राचीनतम शहरों में शुमार है। शिप्रा नदी के तट पर बसा यह शहर अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग दुनियाभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। शिप्रा नदी के किनारे बने कई घाटों में रामघाट विशेष रूप से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि भगवान राम ने यहां अपने पितरों का तर्पण किया था। कुंभ मेले के दौरान रामघाट पर लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। यहां के प्राचीन मंदिर और शांत वातावरण मन को शांति प्रदान करते हैं। उज्जैन की यात्रा पर आने वाले हर व्यक्ति के लिए रामघाट एक अवश्य देखने योग्य स्थल है।