Success Story: आज लगभग हर घर में कोलगेट ब्रांड का टूथपेस्ट इस्तेमाल होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कंपनी कभी साबुन और मोमबत्ती बनाती थी? कोलगेट की शुरुआत एक छोटे से कारखाने से हुई थी, जहां साबुन और मोमबत्ती बनाई जाती थी। धीरे-धीरे कंपनी ने दंत मंजन बनाना शुरू किया और ट्यूब में पैक करके इसे बाजार में उतारा। अपनी गुणवत्ता और बेहतरीन विज्ञापनों के कारण कोलगेट ने लोगों का दिल जीत लिया और आज यह दुनिया की सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनियों में से एक है। कोलगेट की यह सफलता कहानी हमें बताती है कि कैसे एक छोटा सा कारोबार कड़ी मेहनत और लगन से एक बड़ी कंपनी बन सकता है। क्या आप जानना चाहते हैं? की कैसे रहे इसके शुरुआती दिन और फिर कैसे बना ये लोकप्रिय ?
साबुन से टूथपेस्ट तक का सफर
विलियम कोलगेट एक ऐसे उद्यमी थे जिन्होंने इंग्लैंड से अमेरिका आकर अपना सपना पूरा करने का फैसला किया। साल 1806 में, उन्होंने न्यूयॉर्क में साबुन और मोमबत्ती बनाने का छोटा सा कारोबार शुरू किया। हालांकि, यह कारोबार उन्हें उतना मुनाफा नहीं दे पा रहा था जितना वे चाहते थे। लेकिन, किस्मत ने उनका साथ दिया और साल 1873 में उन्होंने टूथपेस्ट बनाना शुरू किया। यह निर्णय उनके लिए एक बड़ा बदलाव साबित हुआ। धीरे-धीरे कोलगेट कंपनी ने टूथपेस्ट के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई और आज यह दुनिया की सबसे बड़ी टूथपेस्ट कंपनियों में से एक है।
पैकिंग में ऐसे आई थी दिक्क्त
जब कोलगेट ने टूथपेस्ट बनाना शुरू किया, तब दंत मंजन को आमतौर पर पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, जिसे ब्रश पर लगाना काफी मुश्किल होता था। कोलगेट ने इस समस्या का एक क्रांतिकारी समाधान निकाला और टूथपेस्ट को ट्यूब में पैक करके बाजार में उतारा। इस नई पैकिंग ने टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना लोगों के लिए बेहद आसान बना दिया। ट्यूब में पैक टूथपेस्ट लोगों को काफी पसंद आया और इसने कोलगेट की लोकप्रियता में काफी इजाफा किया। कोलगेट की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए 1928 में पामोलिव नाम की एक कंपनी ने कोलगेट का अधिग्रहण कर लिया। इस अधिग्रहण के बाद कंपनी का नाम बदलकर कोलगेट-पामोलिव कर दिया गया। इस विलय ने कोलगेट को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में मदद की और यह आज दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों में से एक बन गई है।
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कोलगेट और P&G का मुकाबला
कोलगेट ने अमेरिकी बाजार में अपनी अच्छी स्थिति बना ली थी, लेकिन जब P&G जैसी कंपनियां आईं, तो उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। 1955 में P&G का टूथपेस्ट बहुत लोकप्रिय हो गया, जिससे कोलगेट को अपने उत्पादों में बदलाव करने की जरूरत महसूस हुई। इसके तहत, 1964 में कोलगेट ने फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट “कोलगेट टोटल” लॉन्च किया, जो दंत स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण नवाचार था। इसके बाद कंपनी ने लगातार नए उत्पादों को बाजार में उतारा और भारत समेत कई देशों में विस्तार किया। कोलगेट ने अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों में प्रसिद्ध हस्तियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया। इन प्रयासों के फलस्वरूप, कोलगेट ने भारत और दुनिया भर में अपनी मजबूत स्थिति कायम की।