Gold: भारत में सोना सदियों से महिलाओं के बीच लोकप्रिय रहा है। इसे न केवल आभूषणों के रूप में बल्कि एक सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में भी देखा जाता है। भारतीय संस्कृति में सोने का विशेष महत्व है और इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जब भी लोग सोना खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले उनकी नज़र सबसे सस्ते सोने पर होती है। कई बार लोग सोचते हैं कि सबसे सस्ता सोना कहां मिलता होगा? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि भारत में सोने की कीमतें किस आधार पर तय होती हैं और कौन से राज्य में सोना अपेक्षाकृत सस्ता मिल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें
भारत में सोने की कीमतें पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें बढ़ती या घटती हैं तो इसका सीधा असर भारत में सोने के दामों पर पड़ता है। इसके अलावा, सोने के आभूषण की कीमत केवल सोने के वजन पर ही निर्भर नहीं करती है। बल्कि, यह कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है जैसे कि मेकिंग चार्ज, जीएसटी, और हॉलमार्किंग शुल्क। मेकिंग चार्ज आभूषण बनाने की लागत को दर्शाता है, जीएसटी सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एक कर है, और हॉलमार्किंग शुल्क सोने की शुद्धता को सत्यापित करने के लिए लगाया जाता है। इन सभी कारकों को मिलाकर ही सोने के आभूषण की अंतिम कीमत तय होती है।
राज्य दर राज्य अलग-अलग
भारत में सोने की कीमतें राज्य दर राज्य अलग-अलग होती हैं। ऐसा कई कारणों से होता है। जैसे कि स्थानीय कर, शुल्क, परिवहन लागत और मांग-आपूर्ति का अंतर। भारत में आम तौर पर केरल राज्य में सोना सबसे सस्ता मिलता है। इसके अलावा, चेन्नई, कोच्चि और बैंगलोर जैसे दक्षिणी भारत के शहरों में भी सोने की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में कम होती हैं। हालांकि, सोने की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं, इसलिए सबसे सटीक जानकारी के लिए आपको स्थानीय ज्वैलर्स से संपर्क करना चाहिए।
यहां हैं सोने की कीमतें कम
केरल में सोने की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में कम होने के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है केरल में सोने के व्यापारियों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा। अधिक संख्या में ज्वैलर्स होने के कारण, वे कीमतों में कम करने के लिए मजबूर होते हैं ताकि ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा, केरल में सोने के आभूषणों की मांग बहुत अधिक है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर सोने का आयात होता है। बड़े पैमाने पर आयात होने के कारण, सोने की कीमतें कम रखने में मदद मिलती है। साथ ही, केरल सरकार द्वारा सोने पर लगाए जाने वाले टैक्स और लेवी भी अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं, जो सोने की कीमतों को कम रखने में योगदान देते हैं।