Tea Side Effects: हमारे देश में चाय का इतना क्रेज है कि लोग दिन की शुरुआत और अंत चाय की चुस्की से करते हैं। दूध, चीनी और चायपत्ती से बनी मिल्क टी तो मानो लोगों की पसंदीदा ड्रिंक बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट लगने वाली चाय आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है? दूध की चाय में मौजूद कैफीन और दूध के प्रोटीन आपस में मिलकर पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं, जिससे एसिडिटी, कब्ज और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, चाय में मौजूद टैनिन आयरन के अवशोषण को रोकता है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, दूध में मौजूद कैल्शियम और चाय में मौजूद ऑक्सलेट आपस में मिलकर हड्डियों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकते हैं।
ब्लोटिंग
दूध वाली चाय का सेवन अक्सर पेट फूलने यानी ब्लोटिंग की समस्या को बढ़ा सकता है। दरअसल, चाय में मौजूद कैफीन हमारे पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और पेट में गैस बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। वहीं, दूध में मौजूद प्रोटीन भी पाचन को धीमा कर सकता है। जब दूध और चाय को मिलाकर पिया जाता है, तो ये दोनों तत्व मिलकर पेट में गैस की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जिससे पेट फूलने, दर्द और असहज महसूस होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप ब्लोटिंग से परेशान रहते हैं तो दूध वाली चाय का सेवन कम करने या पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर सकते हैं।
कब्ज
दूध वाली चाय के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। चाय में थिओफाइलिन नामक एक तत्व पाया जाता है जो शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन को बढ़ावा देता है। डिहाइड्रेशन के कारण मल सख्त हो जाता है और आंतों की गति धीमी हो जाती है, जिससे कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन भी कई लोगों के लिए मुश्किल से पच सकता है और इससे भी कब्ज की शिकायत हो सकती है, खासकर बच्चों में। इसलिए, अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो दूध वाली चाय का सेवन कम करने या पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
दूध और चायपत्ती का मिश्रण कई पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करता है, जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। चाय में मौजूद टैनिन नामक तत्व आयरन और जिंक जैसे खनिजों के अवशोषण को रोकता है। आयरन शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है, जबकि जिंक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन खनिजों की कमी से एनीमिया, कमजोरी, थकान और संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अगर आप नियमित रूप से दूध वाली चाय का सेवन करते हैं, तो आपको अपनी डाइट में आयरन और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
नींद की गुणवत्ता को कम करे
दूध वाली चाय में मौजूद कैफीन नींद की गुणवत्ता को काफी प्रभावित करता है। कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो हमारे मस्तिष्क को सक्रिय रखता है और हमें जागृत महसूस कराता है। जब हम सोने से कुछ घंटे पहले दूध वाली चाय पीते हैं, तो कैफीन हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है और हमारे नींद के चक्र को बाधित करता है। कैफीन मस्तिष्क में एक न्यूरोट्रांसमीटर, एडिनोसिन को ब्लॉक करता है, जो नींद को प्रेरित करता है। इसके परिणामस्वरूप, हमें सोने में मुश्किल होती है, नींद बार-बार टूटती है और हम सुबह थका हुआ महसूस करते हैं। यदि आप अनिद्रा से पीड़ित हैं या रात में अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो आपको दूध वाली चाय का सेवन कम करने या पूरी तरह से बंद करने पर विचार करना चाहिए।
वजन बढ़ाने का एक प्रमुख कारण
दूध वाली चाय का नियमित सेवन वजन बढ़ाने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। दूध में मौजूद फैट और चाय में मिलाई जाने वाली चीनी दोनों ही कैलोरी से भरपूर होते हैं। जब हम दूध वाली चाय पीते हैं, तो ये अतिरिक्त कैलोरी हमारे शरीर में जमा हो जाती हैं और धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है। विशेषकर फुल फैट मिल्क का उपयोग करने से कैलोरी की मात्रा और बढ़ जाती है। इसके अलावा, दूध वाली चाय में मौजूद कैफीन भूख को बढ़ा सकता है, जिससे हम अधिक खाने की ओर प्रेरित होते हैं। इसलिए, अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं या उसे नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो आपको दूध वाली चाय का सेवन कम करने या कम कैलोरी वाली विकल्पों जैसे कि स्किम्ड मिल्क और बिना चीनी वाली चाय का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए।
ये अन्य समस्याएं भी हो सकती है
दूध वाली चाय के सेवन से कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। कैफीन और दूध के प्रोटीन के संयोजन से सिरदर्द, एसिडिटी और उल्टी जैसी समस्याएं आम हैं। कैफीन हमारे तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है, जिससे सिरदर्द और चिंता बढ़ सकती है। वहीं, दूध के प्रोटीन कुछ लोगों के लिए मुश्किल से पच सकते हैं, जिससे पेट में जलन और एसिडिटी हो सकती है। इसके अलावा, दूध वाली चाय का अधिक सेवन करने से मतली, भूख न लगना और बेचैनी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आपको दूध वाली चाय का सेवन कम करने या पूरी तरह से बंद करने पर विचार करना चाहिए।
इस बात को समझें
चाय में पाया जाने वाला कैटेचिन हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जब हम चाय में दूध मिलाते हैं तो यह फायदा कम हो जाता है। दरअसल, दूध में एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो चाय में मौजूद कैटेचिन के साथ मिलकर एक नया यौगिक बनाता है। इस नए यौगिक में कैटेचिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे चाय के स्वास्थ्य लाभ कम हो जाते हैं। यानी दूध के साथ चाय पीने से हमें कैटेचिन के वे फायदे नहीं मिल पाते जो हमें सिर्फ चाय पीने से मिलते हैं। इसलिए, अगर आप कैटेचिन के स्वास्थ्य लाभ लेना चाहते हैं तो आपको दूध वाली चाय के बजाय सादी चाय पीनी चाहिए।