Paris Olympics: मनु भाकर ने भारतीय निशानेबाजी के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। 10 मीटर एयर पिस्टल विमेंस इवेंट में फाइनल तक का सफ़र तय कर उन्होंने देश को गौरवान्वित किया। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीते दो दशकों में किसी भारतीय महिला निशानेबाज ने ओलंपिक फाइनल का मुकाबला नहीं किया था। मनु के कंधों पर न केवल व्यक्तिगत अपेक्षाएं थीं बल्कि एक पूरे देश की निगाहें भी थीं।
कौन है मनु भाकर
मनु भाकर का नाम सुनते ही निशानेबाजी की छवि उभरती है, लेकिन इस युवा खिलाड़ी की प्रतिभा का दायरा इससे कहीं अधिक व्यापक है। हरियाणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव से निकली 21 साल की मनु ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से न केवल निशानेबाजी में बल्कि अन्य खेलों में भी अपनी पहचान बनाई है। शूटिंग के प्रति जुनून से पहले मनु ने कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, तैराकी और टेनिस जैसे खेलों में हाथ आजमाया। इनमें से कराटे, थांग टा और टांता में तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमाई। तीन बार की राष्ट्रीय टांता चैंपियन रह चुकी मनु ने स्केटिंग में राज्य स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
एक संयोग से बनी शूटर
मनु भाकर का शूटिंग के प्रति जुनून एक संयोगवश जागा था। अपने पिता के साथ शूटिंग रेंज की एक साधारण यात्रा के दौरान, मनु ने बिल्कुल बीच में लगे 10 नंबर के निशाने को भेद दिया था। यह एक ऐसा क्षण था जिसने मनु के जीवन की दिशा ही बदल दी। मनु की इस प्रतिभा को देखकर उनके पिता ने उन्हें शूटिंग के लिए प्रोत्साहित किया। एक पिता के रूप में उन्होंने अपनी बेटी की इस प्रतिभा को निखारने के लिए हर संभव प्रयास किया। मनु को शूटिंग के गुर सिखाने का जिम्मा नेशनल कोच यशपाल राणा ने संभाला। राणा के मार्गदर्शन में मनु ने शूटिंग में तेजी से तरक्की की और आज वह दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली शूटरों में शुमार हैं।
भारतीय शूटिंग का उभरता हुआ सितारा
मनु भाकर, जिन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया, पिछले 7 साल से शूटिंग कर रही हैं। वह ओलिंपिक 2020 का हिस्सा भी रह चुकी हैं। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। इसके साथ ही, 2018 ISSF वर्ल्ड कप में मनु ने 2 स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था, ऐसा करने वाली वह सबसे कम उम्र की भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। मनु की इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय शूटिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है और वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं।