Sawan 2024: सावन का पावन महीना आते ही चारों तरफ हर-हर महादेव का उद्घोष गूंजने लगता है। भक्तों के मन में शिवभक्ति का रंग चढ़ जाता है और वे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना में लीन हो जाते हैं। हरियाणा की धरती पर भी सावन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां प्राचीन काल से ही भगवान शिव की आराधना का प्रचलन रहा है। इस राज्य में अनेक भव्य और ऐतिहासिक शिव मंदिर विद्यमान हैं, जो अपनी दिव्यता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं।
सावन के महीने में इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। शिवभक्त दूर-दूर से आकर जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आप भी सावन में धर्मिक यात्रा पर निकलने की सोच रहे हैं, तो हरियाणा के इन विशेष शिव मंदिरों में से किसी एक को जरूर चुनें। यहां इतिहास, धर्म और आध्यात्मिक शांति का एक अद्भुत संगम आपका इंतजार कर रहा है। आइए, इस लेख में आगे बढ़कर जानते हैं हरियाणा के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में, जहां सावन में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
स्थानेश्वर महादेव मंदिर
हरियाणा के धर्मिक इतिहास में स्थानेश्वर महादेव मंदिर का नाम सर्वोच्च स्थान रखता है। कुरुक्षेत्र में स्थित यह भव्य मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। महाभारत काल से जुड़े इस मंदिर का इतिहास श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए यहीं पर भगवान शिव की आराधना की थी। मंदिर की भव्यता और सुंदर वास्तुकला मन को मोह लेती है। गर्भगृह में विराजमान ज्योतिर्लिंग रूपी शिव दर्शन मात्र से आत्मिक शांति प्रदान करता है। सावन के पावन महीने में तो यहां लाखों श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। स्थानेश्वर महादेव सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी माना जाता है।
स्थानेश्वर महादेव मंदिर के पवित्र तालाब का उल्लेख किए बिना इसकी भव्यता का वर्णन अधूरा होगा। यह तालाब न केवल अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके जल को अत्यंत शुद्ध भी माना जाता है। लोगों का मानना है कि इस तालाब में सच्ची श्रद्धा के साथ स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और भगवान शिव भक्तों को सभी रोगों से मुक्ति प्रदान करते हैं। तालाब के बीच में भगवान शिव की एक विशाल नीली मूर्ति स्थापित है, जो ध्यान मुद्रा में विराजमान है। यह मूर्ति अत्यंत मनमोहक है और शांति का अनुभव कराती है। सावन के महीने में यह तालाब विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बन जाता है। लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं और पवित्र स्नान करते हैं। इस दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है और लोगों को लाइन में लगना पड़ता है।
श्री शिव कुंड
हरियाणा के सहारा शहर सोहना में स्थित श्री शिव कुंड, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है। अरावली पर्वतमाला की हरी-भरी तलहटी में बसा यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर से ही अरावली की मनमोहक छटा देखने को मिलती है। ठंडे प्राकृतिक झरनों का मधुर संगीत वातावरण को और भी सुहाना बना देता है। यहां का शांत वातावरण मन को शांति प्रदान करता है और शिवभक्ति में लीन होने के लिए प्रेरित करता है। श्री शिव कुंड का धार्मिक महत्व भी काफी है। खासकर सावन के पवित्र महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हजारों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। हर सोमवार को भी यहां भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।
बाबा बालक नाथ
पानीपत के गगनचुंबी क्षितिज को स्पर्श करता हुआ बाबा बालक नाथ मंदिर, धर्मिक श्रद्धा का प्रतीक है। 151 फीट की आश्चर्यजनक ऊंचाई के साथ, यह न सिर्फ पानीपत का गौरव है, बल्कि पूरे हरियाणा राज्य में सबसे ऊंचा शिवालय माना जाता है। कहा जाता है कि सदियों पुराने इस स्थान पर प्राचीन काल से ही साधु-संत तपस्या में लीन रहते थे। आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर इसी पवित्र भूमि पर आज भगवान शिव को समर्पित बाबा बालक नाथ का भव्य मंदिर स्थापित है।
हर सोमवार को भक्तों की अनवरत धारा इस मंदिर की ओर खींची चली आती है। दूर-दराज से श्रद्धालु आकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और शांत वातावरण में मत्था टेक कर मन को प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। मंदिर की ऊंचाई जितनी भव्य है, उतना ही मनमोहक है इसका वातावरण। यहां आकर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार तन-मन में भर जाता है।