Health: आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में थायराइड एक आम समस्या बनकर उभरी है। यह ऐसी स्थिति है जहां गले में स्थित तितली के आकार की ग्रंथि अपने काम में आलसी हो जाती है। कभी बहुत कम तो कभी बहुत ज्यादा मात्रा में हार्मोन का निर्माण करने लगती है। यही कारण है कि थायराइड के मरीजों को वजन बढ़ना, बाल झड़ना और जोड़ों में दर्द जैसी शारीरिक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि थायराइड सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दिल की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है?
जी हां, असामान्य थायराइड हार्मोन का स्तर सीधे तौर पर दिल की गति और रक्तचाप को प्रभावित करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आइए, इस लेख में आगे बढ़कर जानते हैं थायराइड किस प्रकार दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
थायराइड कैसे हार्ट हेल्थ को करता है प्रभावित
थायराइड, चाहे हाइपोथायरायडिज्म (कम थायराइड हार्मोन) हो या हाइपरथायरायडिज्म (अधिक थायराइड हार्मोन), दोनों ही हृदय स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म में हृदय गति धीमी हो जाती है, जिससे ब्रेडीकार्डिया नामक स्थिति पैदा हो सकती है। मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ सकता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर कम हो सकता है। हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। हृदय का आकार बड़ा हो सकता है। दिल का दौरा आने का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपरथायरायडिज्म में हृदय गति तेज हो जाती है, जिससे धड़कनें अनियमित हो सकती हैं। रक्तचाप कम हो सकता है। हृदय की मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है। हृदय का आकार छोटा हो सकता है। सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।