Longest Day of the Year: 21 जून का दिन साल के सबसे खास दिनों में से एक होता है, क्योंकि इस दिन पृथ्वी पर दिन का समय सबसे लंबा होता है। यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध (Hemisphere) में ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) के रूप में जाना जाता है। इस दिन सूर्य की किरणें 12 घंटे के मुकाबले लगभग 15 से 16 घंटे तक धरती पर रहती हैं। सूर्योदय जल्दी होता है और सूर्यास्त देर में, जिससे दिन की अवधि बढ़ जाती है। इस खास तारीख को रात भी सबसे छोटी होती है। आइए, जानें इसके पीछे की विज्ञान और यह कैसे होता है।
ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) क्या है?
ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) वह समय होता है जब सूर्य अपने उत्तरतम (Northernmost) बिंदु पर होता है। पृथ्वी की घूर्णन धुरी 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है। इस झुकाव के कारण पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों पर अलग-अलग समय पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं। 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध (Northernmost Hemisphere) सूर्य के सबसे करीब होता है, जिसके कारण वहां दिन की अवधि अधिक हो जाती है।
सूर्य की स्थिति
ग्रीष्म संक्रांति के दिन, सूर्य कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के सीधा ऊपर होता है। इसका मतलब है कि सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्द्ध पर सीधी पड़ती हैं, जिससे दिन की लंबाई बढ़ जाती है। इसी वजह से 21 जून को सूर्योदय जल्दी और सूर्यास्त देर में होता है।
क्यों होती है रात छोटी?
जब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन की अवधि बढ़ जाती है, तो स्वाभाविक रूप से रात की अवधि कम हो जाती है। 21 जून को सूर्यास्त देर में होता है और सूर्योदय जल्दी होता है, जिससे रात का समय घटकर बहुत छोटा रह जाता है। यह प्रक्रिया दक्षिणी गोलार्द्ध में उलट होती है, जहाँ इस समय सर्दी होती है और दिन की अवधि सबसे कम होती है।
इसके पीछे की विज्ञान
पृथ्वी की घूर्णन धुरी का झुकाव और उसकी कक्षीय गति (Orbital Motion) इस घटना के प्रमुख कारण हैं। पृथ्वी की धुरी 23.5 डिग्री झुकी हुई है, और यह झुकाव पूरे साल एक ही दिशा में रहता है। जब पृथ्वी अपनी कक्षा में घूमती है, तो अलग-अलग समय पर अलग-अलग गोलार्द्ध सूर्य के करीब होते हैं। जून में उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य के करीब होता है, जबकि दिसंबर में दक्षिणी गोलार्द्ध।