मध्य प्रदेश में MPPSC (मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षा का पेपर बेचने के मामले में एक 10वीं कक्षा का छात्र पकड़ा गया है। इस छात्र ने न केवल MPPSC का पेपर बल्कि UGC NET (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) का पेपर भी बेचा। यह छात्र यूट्यूब से तरीका सीखकर इन पेपर्स को बेचने की कला में माहिर हो गया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने छात्र के घर पर छापा मारा और जांच शुरू कर दी है।
2500 रुपए में हुआ सौदा
MPPSC पेपर लीक के इस मामले में स्टूडेंट के साथ पेपर का सौदा एग्जाम के ठीक एक दिन पहले किया गया था। 2500 रुपए में पेपर का सौदा हो रहा था। जो पेपर उपलब्ध करवाया गया, उसमें सभी प्रश्न MPPSC लेवल के थे और उन पर सेट ए लिखा हुआ था।
नाबालिग ने छुपाई पहचान
पेपर लीक करने वाले व्यक्ति ने अपनी पहचान छुपा कर रखी थी और केवल एक टेलीग्राम आईडी के जरिए संपर्क किया गया था। पेमेंट के लिए क्यूआर कोड भी भेजा गया था, जिससे इस बात का पता लगाना और भी मुश्किल हो गया कि आखिर यह सारा खेल किसके इशारे पर खेला जा रहा है।
यह बात और भी चौंकाने वाली है कि जब पेपर लीक होने की बात आई थी तो एमपीपीएससी के अधिकारियों ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि, 23 जून को जब एग्जाम के पेपर से लीक हुआ पेपर मैच किया गया, तो वो फर्जी निकला। इसके बाद इंदौर के संयोगितागंज थाने में एमपीपीएससी के अधिकारियों ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
इस घटना ने शिक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि इतनी बड़ी परीक्षाओं के पेपर्स का लीक होना एक गंभीर अपराध है। इसके साथ ही यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि कैसे तकनीकी साधनों का दुरुपयोग करके अपराध किए जा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले की जांच में और क्या-क्या खुलासे होते हैं और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।